मुझसे ही है मेरी हर ख़ुशी,
गम भी तो मैंने खुद ही है सजाया |
गम भी तो मैंने खुद ही है सजाया |
मेरे ही हाथों में है मुक़द्दर तो मेरा,
सोता रहूँ तो रात है ये, खुली जो आँखें तो मेरा सवेरा |
सोता रहूँ तो रात है ये, खुली जो आँखें तो मेरा सवेरा |
अपनी बर्बादी का तो कारण भी मै हूँ,
हर दुःख दर्द का अपने निवारण भी मै हूँ |
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