Total Pageviews!!!!!

Follow me on!!!!!

       

Thursday, January 10, 2013

और मेरी हस्ती तो बस, उनके यादों में ही मिट जाएगी


हमारी वफ़ा के बदले, वो हमसे बेवफा हो गए
अपनी ही बेरुखियों के कारन, वो हमसे खफ़ा हो गए ।।

इस दिल में आज भी, उनकी यादें जिन्दा हैं
वो कभी हमारे थे, इस बात से भी वो शर्मिन्दा हैं ।।

पूछता हूँ वक़्त से, क्या तू उन लम्हों में, मेरी जिंदगी वापस ले जायेगा
कहता है वक़्त का लम्हा, अरे दीवाने, तू फिर उनकी वही दरिन्दगी ही तो पायेगा ।।

मैने कहा खुदा से, की अब तो हम, उनके दीदार को भी तरसते हैं
और ये आँसू हैं, जो चाहकर भी नहीं बरसते हैं ।।

शायद इनको भी एक विश्वास है, की एक दिन वो आएंगे
और उनके ही कदमों में, शायद ये बरस जायेंगे ।।

बोले खुदा की अरे नादान, वो नहीं अब तेरा कभी रुख करेंगे
मत रोक अपने इन अश्कों को, वरना ये अपने अस्तित्व को भी तरसेंगे ।।

अब तो कोई आश ही ना रही, की उनकी एक झलक भी मिल पायेगी
और मेरी हस्ती तो बस, उनके यादों में ही मिट जाएगी ।।


       

No comments:

Post a Comment