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Saturday, August 20, 2011

ये मेरी जिंदगी


मेरी हस्ती को मिटाने तो आसमां भी आया था
देख मेरी तन्हाई को वो भी मेरी किस्मत पे मुस्काया था

बोला तेरी जिंदगी में बर्बाद करने को अब रखा ही क्या है
गले लगा ले मौत तुझे इसके सिवा  बचा क्या है

मैंने कहा ए आसमां अभी तुझे पता क्या है
जो अपने हो गए बेगाने इसमे मेरी खता क्या है

बस तन्हाई तो मेरी अपनी है जो अब तक मेरे साथ है
गले लगा ले मौत मुझे तो जिंदगी को गिला क्या है

       

Friday, August 19, 2011

तन्हाई


   अकेलेपन में भी साथ होती है तन्हाई
   मजबूरियों को भी मजबूर कर देती है तन्हाई

   ये रुसवा नहीं करती है कभी
   हमसफ़र भले ही दे रुसवाई
  
   अपने हो जाएँ बेगाने तो क्या
   कभी परायी नहीं होती है तन्हाई

       

मेरे दोस्तों सुनो


माना की हम साथ नहीं हैं
पर क्या दिलों में भी अहसास नहीं है ||

हाँ भुला दो मुझे आज भले ही
और हर घड़ी लगा दो अपनी दुनिया को सजाने में ||

पर उस वक़्त मेरे पास जरूर रहना
जब लोग लगे हो मेरी चिता को जलाने में ||

       

मेरी बे-बसी


  खुद में अगर मै ख़ास होता 
   सनम मेरा मेरे पास होता

   न मिलती कभी ये तन्हाई
   ना यादों से उसकी दिल उदास होता

   हर पल खुशियाँ मेरे दामन में होती
   ना दिल मेरा उसकी जुदाई में रोता

       

Thursday, August 18, 2011

वक़्त का दरिया


 वक़्त का दरिया कैसा तूफ़ान है लाया
   काली घटा का साया मेरी जिंदगी पे छाया
  
   उम्मीद की किरण कोई तो लेके आये
   आशाओं का ये दीपक तम को जला ना पाया
  
   क्यूँ फिक्र यार अब हम करें  जो होगा देखा जायेगा
   नींद अभी भी आती है पर कोई सपना रास ना आया
   वक़्त का दरिया कैसा तूफ़ान है लाया