Total Pageviews!!!!!

Follow me on!!!!!

       

Wednesday, November 20, 2013

हमारे दोस्ती के अफ़साने जमाने में रह जायेंगे |


यादों कि गहराई में जाकर, मेरा चेहरा याद कर दोस्त
गीले शिकवों के हर अश्क़, तेरे पलकों से बह जायेंगे ||
हम रहें ना रहें इस दुनिया में, हमारे दोस्ती के अफ़साने जमाने में रह जायेंगे ||

मै तनहा बहुत हूँ  इस जिंदगी में, तेरी यादों का सहारा मुझे सम्भाल तो लेता है |
उन जख्मों के दर्द का तुझे एहसास नहीं शायद, जब हर ख़ुशी मेरे दामन से मुँह मोड़ लेता है ॥

ऐतबार नहीं इस बेवफा जिंदगी का, आकर मुझसे एक मुलाक़ात तो कर
तेरे दीदार से नम होके आँखें, ये साँसे ख़ुशी से ही जम जायेंगे |
आगोश में तेरी हर गम को भुला कर, अलविदा जिंदगी को कह  जायेंगे
हम रहें ना रहें इस दुनिया में, हमारे दोस्ती के अफ़साने जमाने में रह जायेंगे ||

       

No comments:

Post a Comment