R GOBIND
Total Pageviews!!!!!
Follow me on!!!!!
Thursday, January 12, 2017
..
वहीं हूँ आज भी, पहले जहां था
जब दोस्तों की दोस्ती से, सुहाना शमां था
अब खुद के लिए वक़्त होता नहीं
यूँ बेबसी का आलम, पहले कहाँ था
खुशियों ने रुख तो किया ही नहीं
ग़मों का मंजर, इतना मेहरबाँ था
वहीं हूँ आज भी, पहले जहां था
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment