ना सिक्ख ढूँढता हूँ , ना ईसाई ढूँढता हूँ
ना हिन्दू ढूँढता हूँ , ना मुसलमान ढूँढता हूँ
दुनिया में एक सच्चा , इंसान ढूँढता हूँ ।
और वो पगला मुझे आईने में नज़र आता है :)
धन्यवाद हे परमात्मा !
जो तूने मुझे इंसानियत की पहचान दी है ।
ये धर्म की पहचान तो , धर्म के ठेकेदार बनाते हैं
अपनी झूठी आन की खातिर
जो इंसानों का ही खून बहाते हैं ।
बस इतना कर विधाता , तेरा दीदार कर सकूँ
मै धर्म की कभी ना , पहचान बन सकूँ
जो बन सकूँ तो सच्चा इंसान बन सकूँ
जो बन सकूँ तो सच्चा इंसान बन सकूँ
No comments:
Post a Comment