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Monday, February 18, 2013
खुदा के कहर का फ़र्ज़
मेरी बेबसी पे तुम भी मुस्कुरा रहे हो
मेरे दिल के टुकड़ो को देखकर, उसकी हँसी उड़ा रहे हो
कसूर तुम्हारा नहीं है मेरे दोस्त,
उस खुदा के केहर का शायद, तुम भी एक फ़र्ज़ निभा रहे हो
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