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Sunday, September 4, 2011

मौत मेरे मुक़द्दर में


जब प्यार होता है, हर पल हँसीन होता है
जब दिल टूट जाये तो शमाँ गमगीन होता है ||

वो खुश हैं हमें भुलाकर, दिल मेरा हर धड़कन पे रोता है ||
कि चाहकर भी उनको, हम भूल नहीं पाते हैं
यादें उनकी अब तो हर पल तड़पाते हैं||

ये जिंदगी जीने का कोई मकसद नहीं दिखता है
मौत मेरे मुक़द्दर में खुदा फिर भी नहीं लिखता है ||

       

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